Rohit Sharma : मैं Kohli का ताउम्र क़र्ज़दार रहूँगा!




टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा कहते हैं कि मैं विराट कोहली का क़र्ज़ कैसे उतार पाऊँगा। क्रिकेटराशि ने जब ये खबर पढ़ी तो भौंचक्की रह गई। आख़िर हम तो अख़बारों में यही पढ़ते हैं ना कि रोहित शर्मा और विराट कोहली में तनाव है। ख़ासकर इन दोनों के फैन्स के बीच में तो सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी रहती है। रोहित शर्मा विराट कोहली के किस क़र्ज़े की बात कर रहे हैं हम इसको बताने से पहले आपको 2010 के साल में लिये चलते हैं। रोहित शर्मा ने 2007 में इंडिया के लिये वाइट बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पर उन्हें टेस्ट खेलने का मौक़ा नहीं मिल रहा था। रोहित शर्मा का हर क्रिकेटर की तरह अरमान था कि वो टेस्ट क्रिकेट खेलें। रोहित शर्मा का ये भी सपना था कि वो सचिन तेंदुलकर से ही इंडिया की कैप ग्रहण करें। 2010 में रोहित को आख़िर वो मौक़ा मिल ही गया। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ नागपुर टेस्ट में उनका चयन हो गया। पर मैच शुरू होने से पहले अभ्यास सत्र में रोहित ने अपना टखना ट्विस्ट कर लिया। जिसकी वजह से उन्हें इंडिया के लिये टेस्ट खेलने का मौक़ा नहीं मिला। उनकी जगह वृद्धिमान साहा को खिलाया गया। रोहित ग़ुस्से और आक्रोश में अपना आपा खो बैठे। क़िस्मत का खेल देखिए कि अगले तीन साल तक रोहित को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौक़ा नहीं मिला। फिर रोहित के क़िस्मत का सितारा पलटा। वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ़ एक घरेलू सीरीज में उन्हें खेलने का मौक़ा मिला। सौभागवश ये तेंदुलकर कि भी आख़िरी सीरीज थी। रोहित को कोलकाता के ईडन गार्डेंस में खेलना मौक़ा मिला। उन्हें कैप भी सचिन तेंदुलकर के हाथों से ही मिली। रोहित ने इस मैच में शतक लगाया। वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ़ अगले टेस्ट में भी रोहित ने शतक लगाया। पर अभी भी उनकी क़िस्मत पलटी नहीं थी। रोहित कभी खिलाए जाते और कभी ड्राप कर दिये जाते। उनका टेस्ट करियर अधर में ही था। हालाँकि वाइट बॉल क्रिकेट में वो चमक रहे थे। उधर विराट कोहली का सितारा सूरज सा चमक रहा था। विराट ने पूरी दुनिया में धूम मचाई हुई थी और वो इण्डियन क्रिकेट के कप्तान ही नहीं, बेताज बादशाह भी थे। ऐसे में कोहली ने रोहित के लिये एक संजीवनी निकाली। कोहली ने रोहित से कहा कि मैं अपनी टीम में पारी की शुरुआत तुमसे करवाना चाहता हूँ। यानी में टीम इंडिया में तुम्हें एक ओपनर की तरह खिलाना चाहता हूँ। खेलोगे? अब ये एक टेढ़ा सवाल था। ओपनर बनने से कई करियर ख़त्म भी हो जाते हैं। इसी डर से टेस्ट में सौरव गांगुली या वीवीएस लक्ष्मण पारी की शुरुआत करने से कतराते थे। हालाँकि यहीं हाल वीरेंद्र सहवाग का भी था। पर जब उन्हें पारी शुरू करने को कहा गया तो उन्होंने ग़दर मचा दी थी। रोहित ने कोहली का सुझाव तो माना पर एक शर्त भी रखी: रोहित ने कहा कि में खेलूँगा अपने स्टाइल से। मुझे बांधने की कोशिश मत करना। कोहली ने कहा मंज़ूर। बस रोहित ने पारी की शुरुआत टेस्ट मैचों में की और मुड कर दुबारा पीछे नहीं देखा। आज रोहित ने 61 टेस्ट मैच खेले हैं और 4000 से ऊपर रन बनाये हैं। उन्होंने शतक भी 12 लगाये हैं। 

वो टीम इंडिया के कप्तान तो हैं ही बल्कि दिलेरी में उनके आगे सभी पानी भरते हैं। लेकिन रोहित आजतक कोहली का वो एहसान भूले नहीं हैं। वो कहते हैं कि कोहली का ये एहसान पूरी उम्र मेरे साथ रहेगा।